Ambedkar Nagar News:पावरलूमों में उत्पादन ठप, समय से पहले बाजार बंद – Production Stopped In Powerlooms


अंबेडकरनगर। बिजली कर्मियों की हड़ताल ने दूसरे दिन संकट और बढ़ा दिया। नगर से गांव तक कई क्षेत्रों में आपूर्ति ठप है। रात जहां अंधेरे में बीती तो वहीं शनिवार को दिन में भी हजारों दुकानों में अंधेरा छाया रहा। कहीं टार्च की रोशनी में तो कहीं बैट्री लैंप के जरिए ग्राहकों को सामान दिखाए गए। दुकानदारों ने समय से पहले ही शटर गिरा दिए। सैकड़ों ई-रिक्शे जहां-तहां खड़े हो गए।

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72 घंटे की बिजली कर्मियों की हड़ताल से समूचे जिले में अफरातफरी मच गई है। शुक्रवार शाम से ही अलग-अलग क्षेत्रों में बिजली न आने के चलते लोग परेशान हो गए थे। अकबरपुर नगर के कई क्षेत्रों में शुक्रवार को बिजली आपूर्ति बहाल हो गई लेकिन शहजादपुर की कृष्णानगर काॅलोनी आदि क्षेत्रों में शुक्रवार को भी पूरी रात बिजली नहीं आई।

यही हाल अयोध्या मार्ग स्थित मीरानपुर, तमसा मार्ग व बनगांव रोड क्षेत्र का भी रहा। यहां शुक्रवार दोपहर से ही ठप हुई आपूर्ति शनिवार देर शाम तक बहाल नहीं हो पाई। नगर के कई अन्य हिस्सों में भी इसी तरह की स्थिति रही। टांडा व जलालपुर नगर के कई मोहल्लों में भी अंधेरा छाया रहा।

इसके चलते शनिवार को दिन में ही दुकानों पर अंधेरा छाया रहा। कारण यह कि वहां लगे इन्वर्टर जवाब दे गए। घरों पर लगे इन्वर्टर के भी जवाब दे जाने से अंधेरा छा गया। सैकड़ों दुकानदार शनिवार को शाम होने से काफी पहले ही दुकान बंद कर घरों को निकल गए।


बेपटरी बिजली आपूर्ति व्यवस्था ने ई-रिक्शा के पहिए ठप कर दिए हैं। बैटरी चार्ज नहीं हो पा रही है। नतीजतन सवारी ढोते हुए ई-रिक्शे जहां-तहां खड़े हो जा रहे हैं। ऐसा होने पर चालक वाहन ढकेलकर सुरक्षित स्थान पर ले जाने को मजबूर हो रहे हैं। शनिवार को एक ऐसा ही ई-रिक्शा अकबरपुर नगर में रेलवे क्राॅसिंग पर बने ओवरब्रिज पर बैटरी डिस्चार्ज हो जाने से खड़ा हो गया।

सवारियों को उतारने के बाद चालक सोनगांव निवासी छोटेलाल वाहन को खुद ही धक्का देकर अकबरपुर बस स्टेशन की तरफ ले जाता दिखा। पसीना पोछते हुए कहा कि ई-रिक्शा चलाकर परिवार का खर्च चलाते हैं। यदि बिजली नहीं आई तो कैसे वाहन चलाएंगे। जिले के कई अन्य क्षेत्रों में बैटरी चार्ज न हो पाने से ई-रिक्शे सड़कों पर उतर ही नहीं पाए।

अंधेरे में डूबी दुकान पर दुकानदारों को वैकल्पिक रोशनी का सहारा लेना पड़ रहा है। कोई मोबाइल की रोशनी में सामान बेच रहा है तो कोई टॉर्च का प्रयोग कर रहा है। कोई मोमबत्ती जलाकर दुकानदारी कर रहा है।

शनिवार को अकबरपुर-अयोध्या मार्ग पर साड़ी की दुकान करने वाले मोहम्मद वसीम मोबाइल की रोशनी में साड़ी बेचते दिखे। कहा कि जनरेट मिल नहीं रहा है। मोबाइल भी डिस्चार्ज होने वाला है। इसी तरह किराना की दुकान करने वाले गोलू जायसवाल भी टॉर्च जलाकर दुकानदारी करते नजर आए। गोलू ने कहा कि न जाने बिजली कब आएगी।

बिजली न होने से मचे हाहाकार के बीच जनरेटर की मांग बढ़ गई है। जनरेटर मालिक मुंहमांगी रकम ले रहे हैं। आमतौर पर प्रतिदिन 500 रुपये किराये पर जनरेटर मिल जाता है लेकिन जरूरत को देखते हुए डेढ़ हजार से दो हजार रुपये लिए जा रहे हैं। मांग बढ़ने पर जनरेटर की कमी भी हो गई है। लोग इसके लिए जनरेटर मालिकों से मिन्नतें करते नजर आ रहे हैं लेकिन उन्हें मिल नहीं पा रहा है। जनरेटर संचालक साहबे आलम ने कहा कि मांग बढ़ गई है। पांच जनरेटर थे, सभी किराये पर चले गए हैं।

बिजली आपूर्ति व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटी अलग-अलग उपकेंद्रों पर लगाई गई है। ये अधिकारी दिन-रात संबंधित उपकेंद्र पर रुककर बिजली व्यवस्था सुचारु बनाने का भरसक प्रयास कर रहे हैं लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही है।

यदि किसी क्षेत्र की बिजली गड़बड़ी के चलते ठप होती है तो अधिकारी संबंधित क्षेत्र के लाइनमैन से गड़बड़ी दूर करने को लेकर अनुनय-विनय करते हैं। कर्मचारी उन्हें कैसे गड़बड़ी दूर होगी, इसकी जानकारी देते हैं लेकिन मौके पर नहीं पहुंचते हैं। ज्यादातर लाइनमैन तो मोबाइल ही स्विच ऑफ कर लिए हैं।

अकबरपुर नगर के शहजादपुर निवासी पावरलूम संचालक मेराज अहमद ने कहा कि शुक्रवार से बिजली गुल है। 20 पावरलूम हैं। एक भी नहीं चल पा रहा है। इससे उत्पादन नहीं हो रहा है। पंडाटोला निवासी पावरलूम संचालक इसरार अहमद अंसारी ने कहा कि 12 पावरलूम हैं। शुक्रवार से पूरी तरह से काम ठप पड़ा है। संचालन के लिए कर्मचारी आते हैं। काफी देर तक इंतजार करते हैं कि शायद बिजली आ जाए लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। इसी प्रकार टांडा, बसखारी, हंसवर, इल्तिफातगंज, जहांगीरगंज, जलालपुर समेत अन्य क्षेत्रों के भी हजारों पावरलूम संचालकों को बिजली के आने का इंतजार बना है।

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष महेंद्र कुमार त्यागी ने कहा कि मांगों को लेकर सभी उपकेंद्रों पर शनिवार को कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर आवाज बुलंद की। कहा कि मांगों को लेकर लंबे समय से आवाज बुलंद की जा रही है लेकिन सरकार कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है।

ऐसे में मजबूर होकर आंदोलन की राह पकड़नी पड़ी है। शनिवार को संगठन के प्रांतीय नेताओं की सरकार से वार्ता हुई लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला। इसे देखते हुए रविवार को जेलभरो आंदोलन छेड़ा जाएगा। इसके लिए एक दिन पहले सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

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